Gyanvapi controversy: जानिए क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और अब तक क्या कुछ हुआ

Gyanvapi controversy: जानिए क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और अब तक क्या  कुछ हुआ

Gyanvapi controversy: जानिए क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और अब तक क्या कुछ हुआ

Gyanvapi controversy: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद पुराना है. अदालत के आदेश पर मस्जिद में सर्वे और वीडियोग्राफी हो चुकी है. आज इस मुद्दे के एक अहम मामले में सुनवाई होनी है. जानिए ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में अब तक क्या कुछ हुआ और क्या है पूरा विवाद .

Gyanvapi controversy: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Sanctuary) सटी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में है. आज इस मामले पर अहम सुनवाई होनी है. यह पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब वाराणसी (Varanasi) की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वे करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट (High Court), इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) और वाराणसी की अदालतों में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब (Mughal Emperor Aurangjeb) ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण करवाया था.

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगा SC | SC to  hear pleas relating to Gyanvapi mosque case on July 21

क्या है ज्ञानवापी मामला

साल 1991 में स्थानीय पुजारियों ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में पूजा की अनुमति मांगी थी. इस याचिका में पुजारियों ने दावा किया कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को गिराकर यहां मस्जिद का निर्माण करवाया गया था.यह मामला दोबारा कब खुला

एक स्थानीय वकील विजय शंकर रस्तोगी ने निचली अदालत में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था, उन्होंने मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जरिए सर्वे कराने की भी मांग की. वकील विजय शंकर रस्तोगी ने यह याचिका दिसंबर 2019 में उस समय दाखिल की, जब सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद मामले में फैसला सुनाया था. रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला आने के बाद यह याचिका दाखिल की गई थी.

 

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